मेरा परिचय... मेरा उद्भव... मेरी माँ! माँ... अभी मैं एक धीमी सी आहट हूँ ! तेरी अस्थिमज़्ज़ा से निर्मित...हूँ मैं, एक सुदृढ़ हस्ताक्षर बनने की चाह लिए, मैं तेरी ही तो लिखावट हूँ! ©V. Aaraadhyaa #हस्ताक्षर