इतना टूट चुका हूं,छुओगे तो बिखर जाऊंगा में, खुद का पता खो चुका हूं,क्या पता किधर जाऊंगा में, मेरी खातिर इस बेचारगी को लाइलाज रहने दो, गर ईलाज इस मर्ज का हो गया ,तो मर जाऊंगा में।। #अल्फ़ाज़_ए_बयां