सुना है उसने रूप पर श्रृंगार किया है, पर ये क्या, न कोई मोती है कही, न कोई नया हार लिया है, मुझे पता है मेरे यार का अंदाज जरा निराला है, बिंदी है माथे पर और आखों का सुरमा काला है, पर ये कैसे श्रृंगार हुआ,ये खास कहां ये आम हुआ, शृंगार कहे तो लदे हो रत्न,करने में लगे जो घंटो प्रयत्न, मोतियों की चमक हो जिसमें,इत्र की महक हो जिसमे, सर से पाव सज्जा पर लद जाते है, चंदन खुशबू फैलाते है, ये होता शृंगार है,,, ये होता श्रृंगार है,,,, उसे हाथो में मेहंदी लगाई,एक बिंदी माथे पर, थोड़ा काजल आखों में और बांध लिए केश धागे पर, भारतीय परिधान है तन में उसके,उसका रूप निराला है, जो देख ले उसे इस हाल में वो देखने वाला जरूर किस्मत वाला है सादगी में सुंदरता है वो ऐसा पर्याय है, मेरे प्रेम के जीवन का वो ही हर अध्याय है ।। ©Devraj singh rathore #devrajkidevvani #devrajsinghrathore #Love #devvani #nojolove #nojohindi #kavisammelan