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खुद जुबां से उसकी राज ये खोला गया, झूठ भी ये कितनी

खुद जुबां से उसकी राज ये खोला गया,
झूठ भी ये कितनी सफाई से बोला गया।

रोज भिगोते रहे हैं  रात भर ही तकिया ,
बोलते  हैं उन्हे  प्यार कम     होता गया। 

दोनों की थी  खता बराबर  इस इश्क में,
इल्ज़ाम दोनों का   मुझी पर ढोला गया।

कितनी बार हुई दुआएं क़ुबूल हमारी,
कितनी बार चाहतों में मन मसोला गया।

हद से भी ज्यादा कैद हैं अल्फ़ाज़ मेरे,
मूंह तो घुटन बढ़ी तभी यूं  खोला गया।

राजदां तो और भी थे शहर भर में कई,
फिर क्यूं  मेरे ही ईमां को  टटोला गया।

जिसने खाई थीं कसमें ताउम्र साथ की,
''बादल" यार वही फिर क्यूं अनबोला गया। खुद जुबां से उसकी राज ये खोला गया,
झूठ भी ये कितनी सफाई से बोला गया।

रोज भिगोते रहे हैं  रात भर ही तकिया ,
बोलते  हैं उन्हे  प्यार कम     होता गया। 

दोनों की थी  खता बराबर  इस इश्क में,
इल्ज़ाम दोनों का   मुझी पर ढोला गया।
खुद जुबां से उसकी राज ये खोला गया,
झूठ भी ये कितनी सफाई से बोला गया।

रोज भिगोते रहे हैं  रात भर ही तकिया ,
बोलते  हैं उन्हे  प्यार कम     होता गया। 

दोनों की थी  खता बराबर  इस इश्क में,
इल्ज़ाम दोनों का   मुझी पर ढोला गया।

कितनी बार हुई दुआएं क़ुबूल हमारी,
कितनी बार चाहतों में मन मसोला गया।

हद से भी ज्यादा कैद हैं अल्फ़ाज़ मेरे,
मूंह तो घुटन बढ़ी तभी यूं  खोला गया।

राजदां तो और भी थे शहर भर में कई,
फिर क्यूं  मेरे ही ईमां को  टटोला गया।

जिसने खाई थीं कसमें ताउम्र साथ की,
''बादल" यार वही फिर क्यूं अनबोला गया। खुद जुबां से उसकी राज ये खोला गया,
झूठ भी ये कितनी सफाई से बोला गया।

रोज भिगोते रहे हैं  रात भर ही तकिया ,
बोलते  हैं उन्हे  प्यार कम     होता गया। 

दोनों की थी  खता बराबर  इस इश्क में,
इल्ज़ाम दोनों का   मुझी पर ढोला गया।

खुद जुबां से उसकी राज ये खोला गया, झूठ भी ये कितनी सफाई से बोला गया। रोज भिगोते रहे हैं रात भर ही तकिया , बोलते हैं उन्हे प्यार कम होता गया। दोनों की थी खता बराबर इस इश्क में, इल्ज़ाम दोनों का मुझी पर ढोला गया। #ishq #mohabbat #चाहत #all #दुआ #ताउम्र #jhuth #अल्फ़ाज़ #Anshu #Shikayat #इल्जाम #घुटन #ईमां #rajdan