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#कन्यादान #कन्यादान भाग1 संजना अभी अभी आफिस से घर

#कन्यादान #कन्यादान
भाग1

संजना अभी अभी आफिस से घर पहुंची थी। काफी उदास और थकी हुई थी। मैं रसोई में चाय बनाने चली गयी थी।दोनों बच्चे सो चुके थे। रात के 9 बज रहे थे। मैं चाय और खाना लेकर संजना के कमरे में पहुँची और कहा-बेटा कल रवि के माँ बाप आ रहे हैं,सुबह उठकर घर थोड़ा ठीक कर देना मैं किचेन सम्भाल लूँगी।
माँ-ये सब ज़रूरी है क्या?क्या मैं बोझ लगने लगी हूँ आपको? आँखों में आँसू भरकर संजना ने मुझसे पूछा।
तुम बहुत छोटी हो,सारी उम्र यूँ ही नहीं काट पाओगी,बच्चों को भी तो सहारा चाहिये ना। पिता का किरदार अगर पिता निभाये तो अच्छा है,कब तक माँ और पिता का किरदार निभाओगी। परेशानियों में अच्छे अच्छे लोग टूट कर बिखर जाते हैं। मैं तुम्हारा साथ देने सदा के लिये तो नहीं रहूँगी ना, मैंने समझाया और कमरे से बाहर चली गयी।
#कन्यादान #कन्यादान
भाग1

संजना अभी अभी आफिस से घर पहुंची थी। काफी उदास और थकी हुई थी। मैं रसोई में चाय बनाने चली गयी थी।दोनों बच्चे सो चुके थे। रात के 9 बज रहे थे। मैं चाय और खाना लेकर संजना के कमरे में पहुँची और कहा-बेटा कल रवि के माँ बाप आ रहे हैं,सुबह उठकर घर थोड़ा ठीक कर देना मैं किचेन सम्भाल लूँगी।
माँ-ये सब ज़रूरी है क्या?क्या मैं बोझ लगने लगी हूँ आपको? आँखों में आँसू भरकर संजना ने मुझसे पूछा।
तुम बहुत छोटी हो,सारी उम्र यूँ ही नहीं काट पाओगी,बच्चों को भी तो सहारा चाहिये ना। पिता का किरदार अगर पिता निभाये तो अच्छा है,कब तक माँ और पिता का किरदार निभाओगी। परेशानियों में अच्छे अच्छे लोग टूट कर बिखर जाते हैं। मैं तुम्हारा साथ देने सदा के लिये तो नहीं रहूँगी ना, मैंने समझाया और कमरे से बाहर चली गयी।

#कन्यादान भाग1 संजना अभी अभी आफिस से घर पहुंची थी। काफी उदास और थकी हुई थी। मैं रसोई में चाय बनाने चली गयी थी।दोनों बच्चे सो चुके थे। रात के 9 बज रहे थे। मैं चाय और खाना लेकर संजना के कमरे में पहुँची और कहा-बेटा कल रवि के माँ बाप आ रहे हैं,सुबह उठकर घर थोड़ा ठीक कर देना मैं किचेन सम्भाल लूँगी। माँ-ये सब ज़रूरी है क्या?क्या मैं बोझ लगने लगी हूँ आपको? आँखों में आँसू भरकर संजना ने मुझसे पूछा। तुम बहुत छोटी हो,सारी उम्र यूँ ही नहीं काट पाओगी,बच्चों को भी तो सहारा चाहिये ना। पिता का किरदार अगर पिता निभाये तो अच्छा है,कब तक माँ और पिता का किरदार निभाओगी। परेशानियों में अच्छे अच्छे लोग टूट कर बिखर जाते हैं। मैं तुम्हारा साथ देने सदा के लिये तो नहीं रहूँगी ना, मैंने समझाया और कमरे से बाहर चली गयी।