सौंदर्य की करो तलाश, बिखरा पड़ा है आसपास, सुंदर प्रकृति की हर छटा, लाए तन-मन में उजास, गुलदाउदी गेंदा गुलाब, जूही चमेली अमलतास, नज़रिया है जिसका जैसा, बनता जाए उसका खास, कर्तव्य कर ऐसा बनो, मन में रहे न कोई काश, है सीखने की उम्र जबकि, लक्ष्य हो ख़ुद का विकास, सुख-दुःख आये जायेगा, 'गुंजन' मत होना उदास, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई ©Shashi Bhushan Mishra #सौंदर्य की करो तलाश#