कब तक युही खुद से , झूठ बोलोगे....... कब तक सच्चाई से युही ,मुँह तुम मोड़ोगे भागो नही सच से, भागोगे कब तक खुद से डट कर करो समना , गलती को स्वीकार करो। ........................................ कब तक युही दबाते रहोगे अपने इस झूठे गुस्से के प्रकोप से कमजोर समझ कर दबाते रहोगे कब तक इस झूठे मक्कारी मोह से तुम्हे पता है , सब तुम जानते हो समाज सम्भल जाओ, वो दिन दूर नही जब तेरी हर गलती पर आबाज़ उठेगी गलती को स्वीकार करो ....................................... कब तक जनता मेरी युही रोयेगी कब तक मेरे देश की नेता युही सोएगी गली गली आज ,इस बात को फैला दो बहरे बनने का जो ढोंग करे , तो माइक से कानों तक पहुँचा दो गलती को स्वीकार करो , अब तो कोई सुधार करो। ✍️रिंकी कब तक युही खुद से , झूठ बोलोगे....... कब तक सच्चाई से युही ,मुँह तुम मोड़ोगे भागो नही सच से, भागोगे कब तक खुद से डट कर करो समना , गलती को स्वीकार करो। ........................................ कब तक युही दबाते रहोगे अपने इस झूठे गुस्से के प्रकोप से कमजोर समझ कर दबाते रहोगे कब तक