कौन है रास्ते का 'कंटक' राह रोके जो खड़ा है, 'जो भी है' तेरे भीतर पर्वतों से भी बड़ा है। किसमें क्षमता जो तेरी राह रोके मिटा दे मुश्किलें सारी, प्रज्वलित कर आग सीने में जीत की करले तैयारी।। तुझको पानी तेरी मंजिल चल पर्वत सभी चढ़ता हुआ, रुक नहीं सकता अभी तू चल राहें नयी गढ़ता हुआ।।। © Raghav © #Nojoto #poetry#4liners #motivationalquotes #ThursdayMotivation