लिखा कलाम कागज़ पर , मेरा सलाम कागज़ पर , ले खून से लिख दिया मैंने , तेरा अब नाम कागज़ पर , ये कैसा दौर अब आया , तरब्दुद बस इसी का है , कोई मशहूर कागज़ पर , कोई बदनाम कागज़ पर , हाँ अब ये होगया मुमकिन , छपा अख़बार कागज़ पर , छुपा क्या बंद लिफाफों में , किसी ख़ैर है या फिर किसी का प्यार कागज़ पर , #kaagaz.... #yqbaba #yqquotes #yqdidi