सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट सीएसी द्वारा हाल ही में जारी स्टेटस ऑफ इंडिया एनवायरनमेंट 2022 रिपोर्ट के अनुसार मानवीय हस्तक्षेप मसलन जलवायु परिवर्तन प्राकृतिक संसाधनों का अधिक ध्वनि प्रदूषण और जंगलों की अंधाधुंध कटाई आदि का कमाया जाए प्रजाति भुगत रही है राष्ट्रीय रिपोर्ट में कहा गया कि पर्यावरण अनुपस्थित तंत्र के बुनियादी तन में छेड़छाड़ के 75% इंसानी गतिविधियों जिम्मेदार है वनों में रहने वाली स्तनधारियों की तेजी से विलुप्त होने की तिथि के महानगरों में हो रहे परिवर्तनों के लिए भी 6% तक इंसानियत ही जिम्मेदार है इस द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में दावा किया गया था कि पृथ्वी एक वैश्विक जेब में है उस घटना को कहते हैं जिसके वजूद से 80% प्रजातियां हो जाती हैं कि 5 घटनाओं के दौर में प्रवेश कर रही है आशंका जताई है कि इस चपेट में इंसान भी आएंगे इसी तरह की घटना करोड़ पचास लाख साल पहले हुई थी एक आदत हो गए थे आज भी लोग ऐसा ही मानते हैं की प्रजाति के गलत होने से मनुष्य में कोई खतरा नहीं ©Ek villain #पृथ्वी पर मंडराता गंभीर खतरा #adventure