सुना था तुझको पर तुझे था जानता नहीं मेरा दिल दीवाना मेरा कहा था मानता नहीं बार बार तेरा नाम सुनता था अपने यारो से मगर मैं रुबरू तुझको जरा था जानता नहीं किया दीदार तेरा तुझसे वाकिफ जब हुआ तुझी से इश्क़ करने को मेरा दिल रजा हुआ तेरे आंखों के दरिया में उतरना चाहता हूं मैं मेरे मुस्कुराने की वजह सुन जबसे तू हुआ हसीं रातों के पहलू में तेरा इंतज़ार करता है मेरा दिल बेचारा बस तुझी से प्यार करता है कितना चाहता है ये तुझे शायद नही मालूम छुप छुप हर घड़ी तेरा ही ये दीदार करता है हसीं कई सपने सजाए हैं आंखों ने जागकर पहलू में तेरे सके बीत जो लाया हूं पल वो माँगकर चाहें मिले या मिले ना तू हकीकत में मुझे कभी मिलता हूं रोज तुझसे मैं सपनो में भागकर ©Ankur tiwari #hands सुना था तुझको पर तुझे था जानता नहीं मेरा दिल दीवाना मेरा कहा था मानता नहीं बार बार तेरा नाम सुनता था अपने यारो से मगर मैं रुबरू तुझको जरा था जानता नहीं किया दीदार तेरा तुझसे वाकिफ जब हुआ तुझी से इश्क़ करने को मेरा दिल रजा हुआ