Nojoto: Largest Storytelling Platform

सुना था तुझको पर तुझे था जानता नहीं मेरा दिल दीवान

सुना था तुझको पर तुझे था जानता नहीं
मेरा दिल दीवाना मेरा कहा था मानता नहीं 
बार बार तेरा नाम सुनता था अपने यारो से
मगर मैं रुबरू तुझको जरा था जानता नहीं

किया दीदार तेरा तुझसे वाकिफ जब हुआ
तुझी से इश्क़ करने को मेरा दिल रजा हुआ
तेरे आंखों के दरिया में उतरना चाहता हूं मैं
मेरे मुस्कुराने की वजह सुन जबसे तू हुआ

हसीं रातों के पहलू में तेरा इंतज़ार करता है
मेरा दिल बेचारा बस तुझी से प्यार करता है
कितना चाहता है ये तुझे शायद नही मालूम
छुप छुप हर घड़ी तेरा ही ये दीदार करता है

हसीं कई सपने सजाए हैं आंखों ने जागकर
पहलू में तेरे सके बीत जो लाया हूं पल वो माँगकर
चाहें मिले या मिले ना तू हकीकत में मुझे कभी
मिलता हूं रोज तुझसे मैं सपनो में भागकर

©Ankur tiwari #hands 
सुना था तुझको पर तुझे था जानता नहीं
मेरा दिल दीवाना मेरा कहा था मानता नहीं 
बार बार तेरा नाम सुनता था अपने यारो से
मगर मैं रुबरू तुझको जरा था जानता नहीं

किया दीदार तेरा तुझसे वाकिफ जब हुआ
तुझी से इश्क़ करने को मेरा दिल रजा हुआ
सुना था तुझको पर तुझे था जानता नहीं
मेरा दिल दीवाना मेरा कहा था मानता नहीं 
बार बार तेरा नाम सुनता था अपने यारो से
मगर मैं रुबरू तुझको जरा था जानता नहीं

किया दीदार तेरा तुझसे वाकिफ जब हुआ
तुझी से इश्क़ करने को मेरा दिल रजा हुआ
तेरे आंखों के दरिया में उतरना चाहता हूं मैं
मेरे मुस्कुराने की वजह सुन जबसे तू हुआ

हसीं रातों के पहलू में तेरा इंतज़ार करता है
मेरा दिल बेचारा बस तुझी से प्यार करता है
कितना चाहता है ये तुझे शायद नही मालूम
छुप छुप हर घड़ी तेरा ही ये दीदार करता है

हसीं कई सपने सजाए हैं आंखों ने जागकर
पहलू में तेरे सके बीत जो लाया हूं पल वो माँगकर
चाहें मिले या मिले ना तू हकीकत में मुझे कभी
मिलता हूं रोज तुझसे मैं सपनो में भागकर

©Ankur tiwari #hands 
सुना था तुझको पर तुझे था जानता नहीं
मेरा दिल दीवाना मेरा कहा था मानता नहीं 
बार बार तेरा नाम सुनता था अपने यारो से
मगर मैं रुबरू तुझको जरा था जानता नहीं

किया दीदार तेरा तुझसे वाकिफ जब हुआ
तुझी से इश्क़ करने को मेरा दिल रजा हुआ
ankur2158551459298

Ankur tiwari

Bronze Star
New Creator
streak icon29

#hands सुना था तुझको पर तुझे था जानता नहीं मेरा दिल दीवाना मेरा कहा था मानता नहीं बार बार तेरा नाम सुनता था अपने यारो से मगर मैं रुबरू तुझको जरा था जानता नहीं किया दीदार तेरा तुझसे वाकिफ जब हुआ तुझी से इश्क़ करने को मेरा दिल रजा हुआ #Poetry