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सहेलियाँ उसकी भी थी यार मेरे भी थे .. पण्डित उधर भ

सहेलियाँ उसकी भी थी यार मेरे भी थे ..
पण्डित उधर भी था पण्डित इधर भी था..
फुल उसपर भी थे फुल मुझपर भी थे ,
वो उठ रही थी मुझे उठाया जा रहा था ,,
और फर्क सिर्फ इतना था मेरे यारों ...
और.... फर्क सिर्फ इतना था मेरे यारों ....
की उसे अपनाया जा रहा था 
और मुझे जलाया जा रहा था ॥

©Lyrics - Dk.Sawan
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