Nojoto: Largest Storytelling Platform

"जिस साहित्य से हमारी सुरुचि न जागे,  आध्यात्मिक

"जिस साहित्य से 
हमारी सुरुचि न जागे, 
आध्यात्मिक और मानसिक 
तृप्ति न मिले, 
हममें गति और शक्ति न पैदा हो हमारा सौंदर्य प्रेम न जागृत हो,
 जो हममें संकल्प और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने की
 सच्ची दृढ़ता न उत्पन्न करे, 
वह हमारे लिए बेकार है 
वह साहित्य कहलाने का 
अधिकारी नहीं है।"
......... मुंशी प्रेमचंद......... "जिस #साहित्य 
 से हमारी सुरुचि न जागे, #आध्यात्मिक और #मानसिक  #तृप्ति  न मिले, हममें गति और #शक्ति  न पैदा हो, हमारा सौंदर्य #प्रेम  न जागृत हो, जो हममें #संकल्प  और #कठिनाइयों  पर विजय प्राप्त करने की #सच्ची  दृढ़ता न उत्पन्न करे, वह हमारे लिए बेकार है वह साहित्य कहलाने का अधिकारी नहीं है।" 
~ मुंशी प्रेमचंद
#Books 
@rkyskyfrnds4ever @nojotoquotes 
@nojotohindi Nojoto incentive
"जिस साहित्य से 
हमारी सुरुचि न जागे, 
आध्यात्मिक और मानसिक 
तृप्ति न मिले, 
हममें गति और शक्ति न पैदा हो हमारा सौंदर्य प्रेम न जागृत हो,
 जो हममें संकल्प और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने की
 सच्ची दृढ़ता न उत्पन्न करे, 
वह हमारे लिए बेकार है 
वह साहित्य कहलाने का 
अधिकारी नहीं है।"
......... मुंशी प्रेमचंद......... "जिस #साहित्य 
 से हमारी सुरुचि न जागे, #आध्यात्मिक और #मानसिक  #तृप्ति  न मिले, हममें गति और #शक्ति  न पैदा हो, हमारा सौंदर्य #प्रेम  न जागृत हो, जो हममें #संकल्प  और #कठिनाइयों  पर विजय प्राप्त करने की #सच्ची  दृढ़ता न उत्पन्न करे, वह हमारे लिए बेकार है वह साहित्य कहलाने का अधिकारी नहीं है।" 
~ मुंशी प्रेमचंद
#Books 
@rkyskyfrnds4ever @nojotoquotes 
@nojotohindi Nojoto incentive