कौन मर्द है जिसे कौम की सच्ची लगी लगन है? भूखे, अपढ़, नग्न बच्चे क्या नहीं तुम्हारे घर में? कहता धनी कुबेर किन्तु क्या आती तुम्हें शरम है? आग लगे उस धन में जो दुखियों के काम न आए, लाख लानत जिनका, फटता नहीं मरम है। -रामधारी सिंह दिनकर ©Rudeb Gayen एक विलुप्त कविता #ramdharisinghdinkar #रामधारी_सिंह_दिनकर