पेज-98 सात फेरे हुये और कब दुल्हन दूल्हे के वामांगी बैठी इसे आसन परिवर्तन कहते हैं..पुरोहित जी ने दोनों को दाम्पत्य के सात वचन पढ़कर सुनाये दोनों से वचन निभाने की प्रतिज्ञा ली और उत्तर दिशा में स्थित ध्रुव तारे का महत्व समझाते हुये दूल्हा दुल्हन को ध्रुव दर्शन कराया.. और अब कन्या के माता पिता वर वधु के चरण धोकर अपने सिर माथे सिरोधार्य करेंगे.. इसे पाद प्रच्छालन कहते हैं.. अब आगे कैप्शन में.. 🙏 ©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी पेज-98 दूल्हे ने अपनी अर्धांगिनी की मांग में सिंदूर भरा.. मंगलसूत्र उसके गले में पहनाया... और तब दोनों ने अग्निदेव को साक्षी मानकर सारे मांगलिक और वैवाहिक रस्मों रिवाजों को पूरी निष्ठा भाव से अंगीकार किया पुरोहित जी ने मंगल विवाह सम्पन्न हुआ की घोषणा की..और कहा अब वधु के माता पिता अपने वर से अपनी कौटुम्बिक अन्य जो भी दस्तूर कराना चाहें करा लेवें.... दूल्हेराजा मंडप से उठे और अपने जूतों की तरफ गये लेकिन...🤔... जूते तो चोरी हो चुके हैं ....! किसी ने इस तरफ तो ध्यान ही नहीं दिया... जबकि कुछ बहनें और भैया तो विशेष रूप से दूल्हे राजा के जूतों के पास ही बैठे थे, ताकि जूते चुराए ना जा सकें.. मगर चोर कब चोरी कर गया किसी को कानों कान ख़बर ना हुई... खैर.. अब दूल्हे को जूते तो चाहिए ही... कुछ देर तो बड़े ही नाटकीय ढंग से चोर की तलाश की जा रही है.. यद्द्पि सभी जानते हैं वधु पक्ष से ही किसी ने जूते चुराए हैं मगर नाम अब तक सामने नहीं आया ..... हमारे शर्माजी ने अपनी एक कोशिश करते हुये कहा-भई जिसने भी जूते चुराए हैं वो सामने आ जाए और अपनी कीमत बता दे... मगर इस विवाह में बहुत ज्यादा खर्च हो चुका है.. थोड़ा हमारी आर्थिक स्थिति को देखते हुये राजीनामा कर ले....! चोरों ने मंडप से एक माइक भी चुरा ले गये .. और एक माइक वहीं छोड़ गये.. जासूसी करने को..😇 तभी मंडप के चुराए माइक से एक आवाज प्रसारित हुई ....! और अंताक्षरी निकल पड़ी..