प्रिय हो, तुम सब मेरे चलो, आज एक काम, मेरा भी कर दो अपनी हर हसीन मुस्कान पर, मेरा नाम लिख दो मुस्कान कैसी भी, किसी की भी हो उसे मेरी अमानत ही समझना जब मांगू तब वापस कर देना दौलत से भी ये मंहगी है इसलिये टालमटोल न करना कुछ पल की ही होती मुस्कान पर मोतियों की होती खान तुम सीप बन कर ही रहना योंही मुस्कान के मोती देते रहना जीवन भर ये अहसान करते रहना जानते हो जो प्यार तुम्हारे नयनों में मैने देखा वो तुम्हारा एक ही हिस्सा "कमल" की तरह खिलते देखा तुम्हारा न सही मेरा तो है, यह अटूट सपना प्रेम बंधन प्यार के पीछे न छूटे सांसे मेरी टूटे, पर मुस्कान किसी की कभी न रुठे रचियता✍️ कमल भंसाली #प्रिय हो, तुम मेरे