काका हाथरसी की कलम से प्रस्तुत है-
बिना टिकिट के ट्रैन में चले पुत्र बलवीर
जहाँ "मूड" आया वहीं, खींच लई ज़ंजीर
खींच लई ज़ंजीर, बने गुंडों के नक्कू,
पकड़े टी.टी., गार्ड, उन्हें दिखलाते चक्कू
गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार बढ़ा दिन- दूना
प्रजातंत्र की स्वतंत्रता का देख नमूना
#Kalamse#KakaHathrasi