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मुस्कुराहटों का मौसम ठहरता ही नहीं दिल की आवाज़ को

मुस्कुराहटों का मौसम ठहरता ही नहीं
दिल की आवाज़ कोई समझता ही नहीं
मुस्कुराहटों का......
सभी प्यासे हैं समंदर पीने की बात करते हैं
वादे की चार बात दिल में सम्हलता ही नहीं
मुस्कुराहटों का......
बिना ठहराव के मंज़िल भला कैसे मिलेगी 
कितना नादान है कुछ भी परखता ही नहीं
मुस्कुराहटों का......
बिष और अमृत दोनों है इस समाज में
"सूर्य " मंथन बिन कुछ निकलता ही नहीं
मुस्कुराहटों का...…

©R K Mishra " सूर्य "
  #मुस्कुराहटों  -hardik mahajan Anupriya SHAYAR (RK) जलते आंसू Aditya kumar prasad