White अब तो रात भी चिढ़ाती है, ख़ामोशी में अपनी दास्तान सुनाती है। जो सुकून था कभी उसके दामन में, अब वही तन्हाई की आग लगाती है। चांदनी भी जैसे आंखें चुराती है, सितारे जख़्मों की लकीरें दिखाती हैं। हर साया जो सुकून का सहारा था, अब अंधेरों में मुझसे रंजिश निभाती है। नींद तो जैसे रुस्वा हो गई है, ख्वाब अब दर्द के अफसाने सुनाती है। रात जो कभी साथी हुआ करती थी, अब हर पल मुझसे दूरियां बढ़ाती है। ©UNCLE彡RAVAN #milan_night