मेरा वक्त मुझी से क्यों रूठ जाता है, किसी की आरज़ू में ये दिल, कैसे कैसे ख़्वाब देख जाता है, मासूम है ये दिल मेरा, कुछ सोच नही पाता है, जिधर थोड़ा प्यार महसूस हो, उधर ख़ुद झुक सा जाता है, उम्मीद लगा बैठता है, उनसे भी प्यार की, और अक्सर मुंह की खाता है, नादानी में ये मेरे दिल को, अक्सर चोट लग जाता है, दर्द खुद ही कर जाता है, और कुछ वक्त को प्यार भूल जाता है, ये दिल मासूम सा है मेरा, क्या सोचता है और क्या हो जाता है।। #क्याहोजाताहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #penofasoul #bacchadil बहूत पाक है सोच मेरी, ये बुरा पहले भांप नही पाता, अक्सर ये मासूमियत में, ठेस गहरा खा जाता है, कैसे समझाऊं इस पागल को,