आज का ज्ञान धूल भरे रस्ते पर चल कर जाना हैं क्या होती मेहनत घर आंगन में बैठा इंसा जान सके क्या होती मेहनत मंजिल दूर भले लगती हो मेहनत कर पा लेंगे मंजिल डर नही इन पथरीले रास्ते से तू हाथ मेरा बस थामे रखना ये रस्ता क्या दीवार हैं तू साथ तो दरिया भी मंजूर है पा लुंगी उस रास्ते से मैं इश्क़ की गलियां नहीं अब दूर हैं धूल भरे रस्ते से प्यार मेरा नहीं दूर हैं #रीना