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निगाहों में तुम हो, मेरी आस में तुम हो। अहदे वफ़ा

निगाहों में तुम हो, मेरी आस में तुम हो।
अहदे वफ़ा ही नहीं,हर सांस में तुम हो।
और तुमसे कैसे जुद़ा हो पाएंगे निर्दोष,
ताउम्र मेरे इश्क़ ए सादिक में तुम हो।।

©Nirdosh VIN #citylight #Poetry #poetry_dil_se 
#kumar_vishwas #nirdosh_kumar_vin
निगाहों में तुम हो, मेरी आस में तुम हो।
अहदे वफ़ा ही नहीं,हर सांस में तुम हो।
और तुमसे कैसे जुद़ा हो पाएंगे निर्दोष,
ताउम्र मेरे इश्क़ ए सादिक में तुम हो।।

©Nirdosh VIN #citylight #Poetry #poetry_dil_se 
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