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क्यों मदहोशी में डूबी है शाम दिन भर की थकी हुई आजा

क्यों मदहोशी में डूबी है शाम
दिन भर की थकी हुई आजादी
क्यों निढाल हो रही है आंखों में

©Beena Kumari
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