पीर प्रेम की मीरा जानें मिलन हुआ ना राधा दोनों तो हैं प्रेम दीवानी पर मिला प्रेम कभी ना आधा कृष्ण दरस को मीरा तरसे मुरलीधर मिलन को राधा नैना बरसे दोनों में प्रेम बसा है पूरा सा पर कान्हा बसा उनमें आधा सा......... राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी ©मेरी दुनियाँ मेरी कवितायेँ Radha-Meera Prem