आदत से मज़बूर मेरे ज़ज़्बात मुझे झुकलाते है
बहा अश्क़ अब भी वो उन्हें निगाहों में बैठाते है
जाने किन के इंतज़ार में वो भीग रहे है बरसात में
बादल है कि सब बरसात के साथ तूफान लाते है
शहर के शहर उजड़ गये है जो इस तूफान में यंहा
वो तूफान में शाख़ से टूटे पत्तों को पकड़ने जाते है #gazal#yqdidi#YourQuoteAndMine#terasukhi#terasukhiquotes#terasukhishayaris#आदतसेमजबूर