जहाँ पर हम खेले कूदते बड़े हुए। एक जमीं मेरी भी है, जहाँ पर हमनें उंगली पकड़ कर चलना सीखा। एक जमीं मेरी भी है, जहाँ पर हम बिना बिस्तर बेसुध सो जाते थे। एक जमीं मेरी भी है, जहाँ पर आज भी बीते दिनों की यादें बसी हैं। एक ज़मीं मेरी भी है... #मेरीज़मीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi