एक ग़ज़ल - आज कल बिगड़ रहे हैं मेरे, हालात आज कल गुज़रती बिना उनके,हर रात आज कल गुलशन हुआ वीराना,तो माली क्या करे मलता है खाली हाथ,बे-बात आज कल दिल कीं राहें ख़ुद-ब-ख़ुद तंग हो गईं उल्फ़त भी हो गई ,ख़ैरात आज कल बर्बादियों का जश्न ही चलो अब मनायें बिकती है बाज़ार में,शदमात आज कल मन बुझ गया कुछ ऐसे भीगे हैं ग़मों से लगाती है आग और,बरसात आज कल - लव जोशी #nojotohindi #hindikalam #gazal #kavishala #AajKl