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विघ्न बाधाएँ बहुत रहती हैं सबके रहगुज़र में, क

विघ्न  बाधाएँ  बहुत  रहती  हैं सबके रहगुज़र में,
किंतु मंज़िल तक पहुँच पाते जो रहते हैं सफर में,

खेल किस्मत का अजूबा समझ में आता नहीं है,
डूब जाती कश्तियाँ कई बार फँसकर ही भँवर में,

मुक़म्मल हो जायेगी एकदिन कहानी ज़िन्दगी की, 
मज़ा तो तब है अगर मिसरा हो जीवन का बहर में,

है यही दस्तूर दुनिया का न थमती है न रुकती,
मगर यूँही भागती फिरती हरेक शय इस शहर में,

जरूरत से जुड़ा नाता सिमट जाएगा किसी दिन, 
भरोसा कब तलक होगा प्यार के मीठे जहर में, 

कठिन है ताउम्र अनुशासन में बँधना राह चलना,
यदि न हो संकल्प दृढ़ फिर झूलता रहता अधर में,

स्वप्न कर साकार पर किरदार रख उम्दा हमेशा, 
कर्म का लेखा कभी मिटता नहीं गुंजन दहर में,
      ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
              चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #स्वप्न कर साकार#
विघ्न  बाधाएँ  बहुत  रहती  हैं सबके रहगुज़र में,
किंतु मंज़िल तक पहुँच पाते जो रहते हैं सफर में,

खेल किस्मत का अजूबा समझ में आता नहीं है,
डूब जाती कश्तियाँ कई बार फँसकर ही भँवर में,

मुक़म्मल हो जायेगी एकदिन कहानी ज़िन्दगी की, 
मज़ा तो तब है अगर मिसरा हो जीवन का बहर में,

है यही दस्तूर दुनिया का न थमती है न रुकती,
मगर यूँही भागती फिरती हरेक शय इस शहर में,

जरूरत से जुड़ा नाता सिमट जाएगा किसी दिन, 
भरोसा कब तलक होगा प्यार के मीठे जहर में, 

कठिन है ताउम्र अनुशासन में बँधना राह चलना,
यदि न हो संकल्प दृढ़ फिर झूलता रहता अधर में,

स्वप्न कर साकार पर किरदार रख उम्दा हमेशा, 
कर्म का लेखा कभी मिटता नहीं गुंजन दहर में,
      ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
              चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #स्वप्न कर साकार#