शीर्षक - दिल को सिर्फ तेरी याद ही, क्यों आती है हरदम ---------------------------------------------------------- दिल को सिर्फ तेरी याद ही, क्यों आती है हरदम। ऐसी क्या खूबी है तुझमें, भूले नहीं जो तुमको हम।। दिल को सिर्फ तेरी याद------------------।। जबकि हमसे रही नहीं, तेरी मोहब्बत अच्छी कभी। क्यों नहीं रखना चाहते फिर भी, दिल से दूर तुमको हम।। दिल को सिर्फ तेरी याद-----------------।। तेरी नजरों में हम तो, बदनाम बहुत है शहर में। बर्बाद तुमसे होकर भी, चाहते हैं क्यों तुमको हम।। दिल को सिर्फ तेरी याद-----------------।। मालूम है हमको यह भी कि, तू नहीं अब वैसी पवित्र। फिर भी क्यों कहते हैं अब भी,अपनी खुशी तुमको हम।। दिल को सिर्फ तेरी याद-------------------।। आये बहुत चेहरें जिंदगी में, जब जुदा हम तुमसे हुए। फिर भी मिटा नहीं पाये, दिल से तेरी चाहत को हम।। दिल को सिर्फ तेरी याद-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #ग़ज़ल_सृजन