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शीर्षक - दिल को सिर्फ तेरी याद ही, क्यों आती है हर

शीर्षक - दिल को सिर्फ तेरी याद ही, क्यों आती है हरदम
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दिल को सिर्फ तेरी याद ही, क्यों आती है हरदम।
ऐसी क्या खूबी है तुझमें, भूले नहीं जो तुमको हम।।
दिल को सिर्फ तेरी याद------------------।।

जबकि हमसे रही नहीं, तेरी मोहब्बत अच्छी कभी।
क्यों नहीं रखना चाहते फिर भी, दिल से दूर तुमको हम।।
दिल को सिर्फ तेरी याद-----------------।।

तेरी नजरों में हम तो, बदनाम बहुत है शहर में।
बर्बाद तुमसे होकर भी, चाहते हैं क्यों तुमको हम।।
दिल को सिर्फ तेरी याद-----------------।।

मालूम है हमको यह भी कि, तू नहीं अब वैसी पवित्र।
फिर भी क्यों कहते हैं अब भी,अपनी खुशी तुमको हम।।
दिल को सिर्फ तेरी याद-------------------।।

आये बहुत चेहरें जिंदगी में, जब जुदा हम तुमसे हुए।
फिर भी मिटा नहीं पाये, दिल से तेरी चाहत को हम।।
दिल को सिर्फ तेरी याद-------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #ग़ज़ल_सृजन
शीर्षक - दिल को सिर्फ तेरी याद ही, क्यों आती है हरदम
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दिल को सिर्फ तेरी याद ही, क्यों आती है हरदम।
ऐसी क्या खूबी है तुझमें, भूले नहीं जो तुमको हम।।
दिल को सिर्फ तेरी याद------------------।।

जबकि हमसे रही नहीं, तेरी मोहब्बत अच्छी कभी।
क्यों नहीं रखना चाहते फिर भी, दिल से दूर तुमको हम।।
दिल को सिर्फ तेरी याद-----------------।।

तेरी नजरों में हम तो, बदनाम बहुत है शहर में।
बर्बाद तुमसे होकर भी, चाहते हैं क्यों तुमको हम।।
दिल को सिर्फ तेरी याद-----------------।।

मालूम है हमको यह भी कि, तू नहीं अब वैसी पवित्र।
फिर भी क्यों कहते हैं अब भी,अपनी खुशी तुमको हम।।
दिल को सिर्फ तेरी याद-------------------।।

आये बहुत चेहरें जिंदगी में, जब जुदा हम तुमसे हुए।
फिर भी मिटा नहीं पाये, दिल से तेरी चाहत को हम।।
दिल को सिर्फ तेरी याद-------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #ग़ज़ल_सृजन