मंदी अपनी बंदी है बालपन में खिलौनों की मंदी, छुटपन में स्नेह की मंदी, केशवावस्था में मन की मंदी, युवावस्था में धन की मंदी, अब तो पूरे चलन में मंदी, घर में मंदी, बाजार में मंदी, शहर में मंदी, देश में मंदी, बॉस की सराहना में मंदी, दोस्त की दोस्ती में मंदी, प्रेमिका के प्रेम में भी मंदी, जीवन में ऐसे छाई मंदी है, कह सकता हूँ मंदी अपनी बन्दी है #मंदी_अपनी_बन्दी_है।