हम बरगद बेकरार थे वो बूटा थे इमली का अब शाखों में साथ मिल हम आबोदाना ढूढ़ते है। वो ख़्वाब थे खट्टा सा हम नींद की मीठी टुकड़ी थे मूंद के आँखे रातो की हम चाँद दीवाना ढूंढते है। वो दिल से बाग बाग हुए, गुलाबों के महोताज़ हुए अब खुश्बू की रिहाई में गुल, दोस्ताना ढूंढ़ते है। #dharmuvach✍ #mitron #friendship #friendsforever #mitrata #dharmuvach #freindshipgoals #friendsforlife #yourquotedidi