Nojoto: Largest Storytelling Platform

धुल जाये विफलताओं का दाग, ऐसा निरमा कोई चमकदार मि

धुल जाये विफलताओं का दाग, 
ऐसा निरमा कोई चमकदार मिले। 
उठा सकूँ मजबूरियों का बोझा, 
कंधा ऐसा दमदार मिले। ।
टकरा जाऊँ हर तूफ़ाँ से, 
ऐसी शक्ति अपार मिले। ।
झुक जाये किस्मत भी समक्ष अपने, 
ऐसी धधकती ज्वाला बारम्बार मिले। ।
डगमगा ना जाऊँ अड़चनों से, 
भले रास्ते में मौत का हाहाकार मिले। ।
बिखेर सकूँ अपनी रोशनी इस धुन्ध में, 
ऐसा हथियार धारदार मिले। ।
फैला सकूँ जीवन में ज्योति सबके, 
लोगों से ऐसा प्यार मिले। 
बिखर ना जाऊँ इक झरोखे में, 
हंसता ऐसा संसार मिले। ।
written by 
संतोष वर्मा। ।azamgarh वाले 
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #Arzooo😍😍

Arzooo😍😍 #कविता

189 Views