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जिंदगी की राहों में, यादें बस जाती हैं, चाँदनी रात

जिंदगी की राहों में, यादें बस जाती हैं,
चाँदनी रातों की तरह, दिल में उतर जाती हैं।
भूले से भी कोई, कैसे उन्हें भुला पाता है?
जैसे सागर की गहराई में, मोती छुपा जाता है।

अनकही सी बातें, दिल में रह जाती हैं,
जैसे बारिश की बूँदें, पत्तों पर ठहर जाती हैं।
जिंदगी का सफर, ऐसे ही यादों में बसा रहता है,
जैसे रेगिस्तान में, ओएसिस का सपना सजा रहता है।

वो यादें जो सदियों से अडिग है,
जैसे पहाड़ों की चोटी पर, बर्फ जमी रहती है।
अटल, अविचल, स्थिर और सुदृढ़,
जैसे पुराने वृक्ष की जड़ें, धरती में गहरी रहती हैं।

वो जो खेलते हैं भुलावे के खेल,
जैसे जादूगर अपने जादू से, सबको बहकाते हैं।
दिलों की गहराइयों में छिपाते हैं राज़,
और बाहर दिखाते हैं भूलने का नाटक,
जैसे रंगमंच पर, अभिनेता कोई दृश्य निभाते हैं।

उन कहानियों का क्या, जिनमें खुशियाँ ना हों,
जैसे बिना रंगों के, चित्रकार की कलाकृति हो।
जिनकी दास्तां में उम्मीद की किरण ना खिल सके,
वो किस्से, जहाँ अच्छाई का दीपक रोशन हो नहीं सकता,
जैसे अंधेरी रात में, तारों की चमक खो जाती है।

जिंदगी की इस राह में, जब जब हम ठहरते हैं,
पाते हैं अनजाने में, कुछ खास दोस्त जो साथ चलते हैं।
हर मोड़ पर, हर डगर पर, जब भी हम नजरें उठाते हैं,
मिल जाते हैं वो यार, जो जिंदगी को खुशनुमा बनाते हैं,
जैसे सूरज की किरणें, सुबह को नया आयाम देती हैं।

वो नाम जो लबों पर आए बिना,
दिल को सुकून का एहसास नहीं होता।
जिनकी बातें, जिनकी यादें,
बिन कहे भी दिल को चैन दे जाती हैं।
जिनके जिक्र के बिना, ये दिल,
कभी करार को तरसता है,
जैसे बिन पानी के, मछली तड़पती है।

©Drx punam rao
  #WinterEve