पर कभी कह ना सका , इस चेहरे की शिकन को मुस्कान ना बना सका , कमज़ोर कभी भी न था में ऐ मेरे दोस्त , बस उन आँखों की नमी से डरता था , इसलिए कहना तो था पर कभी कह ना सका ।। गुलज़ार साहब कहते हैं- "ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी है" इसलिए ख़ामोशी अच्छी बात नहीं। वरना एक शिकायत रह जाएगी ख़ुद से कुछ कहना तो था.. Collab करें YQ Didi के साथ।