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जिस सिमरत सभ किलविख नासे पितरी होये उधारो।। अर्थ:

जिस सिमरत सभ किलविख नासे पितरी होये उधारो।।

अर्थ:- जिसके(परमेश्वरः के), अपने नेत्रों द्वारा ध्यान करने से सारे विकार भागते हैं और पितरों का भी उद्धार होता है।।

©Biikrmjet Sing #पितरों_का_उद्धार_कैसे_हो
जिस सिमरत सभ किलविख नासे पितरी होये उधारो।।

अर्थ:- जिसके(परमेश्वरः के), अपने नेत्रों द्वारा ध्यान करने से सारे विकार भागते हैं और पितरों का भी उद्धार होता है।।

©Biikrmjet Sing #पितरों_का_उद्धार_कैसे_हो