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White उनके होंठों से मेरे हक़ में दुआ निकली है जब

White उनके होंठों से मेरे हक़ में दुआ निकली है
जब मर्ज फैल चुका है तो दवा निकली है।

तसव्वुर में बसाया था जिन्हें चुपके से,
अब वही राहों में बनके सदा निकली है।

दिल के वीराने में जलती रही जो लौ,
वो बुझी तो राख में भी रोशनी निकली है।

जिनको समझा था दर्द का सबब मैंने,
वो ही जख्मों पे मरहम की अदा निकली है।

खुदा के दर पर भी यूँ ही सर झुका दिया,
दुआ के साथ जब उनकी रज़ा निकली है।

अब यकीन हो चला है इश्क की ताक़त पर,
जो न सोचा था, वही बात सही निकली है।

©Ashok Verma "Hamdard" दवा निकली है
White उनके होंठों से मेरे हक़ में दुआ निकली है
जब मर्ज फैल चुका है तो दवा निकली है।

तसव्वुर में बसाया था जिन्हें चुपके से,
अब वही राहों में बनके सदा निकली है।

दिल के वीराने में जलती रही जो लौ,
वो बुझी तो राख में भी रोशनी निकली है।

जिनको समझा था दर्द का सबब मैंने,
वो ही जख्मों पे मरहम की अदा निकली है।

खुदा के दर पर भी यूँ ही सर झुका दिया,
दुआ के साथ जब उनकी रज़ा निकली है।

अब यकीन हो चला है इश्क की ताक़त पर,
जो न सोचा था, वही बात सही निकली है।

©Ashok Verma "Hamdard" दवा निकली है