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दरवाज़े प्रैक्टिकल होतें हैं और खिड़कियाँ भावुक दरव

दरवाज़े प्रैक्टिकल होतें हैं और खिड़कियाँ भावुक 
दरवाज़े सिर्फ समझते हैं सांकल की बोली 
पैरों की आहटें 
खिड़कियां पहचानती हैं दबे पाँव पुरवाई का 
चुपके से अंदर आ जाना सवेरे की किरणों का 
भीतर तक उतर जाना 
परिंदों का राग मौसमों का वैराग 
बादल की आवारगी बूंदो की सिसकियाँ 
घटते बढ़ते चाँद की लम्बी -छोटी  रातें 
चांदनी के सज़दे ,और टूट जाना किसी तारे का
खिड़कियाँ सब जान जाती हैं 
दरवाज़े होते हैं सख्त,मजबूत नींबू - मिर्ची से सजे धजे 
अक्खड़ किसी  दरबान से 
खिड़कियाँ होती है अल्हड़, नादान और सहज 
उनपर नही लिखना पड़ता 
स्वागतम् !

©purvarth #दरवाजे 
#खिड़कियां
दरवाज़े प्रैक्टिकल होतें हैं और खिड़कियाँ भावुक 
दरवाज़े सिर्फ समझते हैं सांकल की बोली 
पैरों की आहटें 
खिड़कियां पहचानती हैं दबे पाँव पुरवाई का 
चुपके से अंदर आ जाना सवेरे की किरणों का 
भीतर तक उतर जाना 
परिंदों का राग मौसमों का वैराग 
बादल की आवारगी बूंदो की सिसकियाँ 
घटते बढ़ते चाँद की लम्बी -छोटी  रातें 
चांदनी के सज़दे ,और टूट जाना किसी तारे का
खिड़कियाँ सब जान जाती हैं 
दरवाज़े होते हैं सख्त,मजबूत नींबू - मिर्ची से सजे धजे 
अक्खड़ किसी  दरबान से 
खिड़कियाँ होती है अल्हड़, नादान और सहज 
उनपर नही लिखना पड़ता 
स्वागतम् !

©purvarth #दरवाजे 
#खिड़कियां