कठिन दौर में कारागार विदेशी नीति शीर्षक से लेख आलेख में हर श्री पंत ने इस समय स्थिर विश्व व्यवस्था में भारत को स्थानीय तत्व देने वाली विदेश नीति का बखूबी बयान किया एक ऐसे दौर में जब दुनिया के तमाम देशों को कोई एक गाना सुनना पड़ रहा था उस स्थिति में भारत जहां पश्चिम के देशों के साथ अपने समीकरणों को साधने में सफल रहा है तो उसने उसके साथ भी अपने परम पर एक प्रगाढ़ संबंधों पर भी आंच नहीं आने दी इसमें भारत के बढ़ते कदम एक जिम्मेदारी देश की छवि और तेजी से उभरती एक मजबूत होती अर्थव्यवस्था का अहम योगदान है यही कारण है कि 12 जरूर से कच्चा तेल खरीदना है अपने हितों को घोषित कर रहा है वही क्वाइट जैसे साझेदारी की राह और कोई अवरोध ही नहीं उत्पन्न होने देता रहा वास्तव में भारतीय विदेश नीति की सफलता तो पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान से ही झलकती है रूस यूक्रेन संकट के बाद दुनिया के कई देशों में खाद संकट उत्पन्न हो गया इससे राहत दिलाने के लिए भी भारत के प्रयासों की सराहना की जा रही है वैश्विक गेहूं आपूर्ति में रूस और यूक्रेन जैसे देशों की भारी हिस्सेदारी होने के बावजूद गतिरोध में मैं प्रभावित हुई है भारत अपने गेहूं निर्यात से इस विषम स्थिति को सुगम बनाने के लिए तत्पर है इससे भी विश्व भर में भारत के प्रति अच्छी भावना एवं बनेगी ©Ek villain #हर मोर्चे पर भारत का कारागार कदम #Hope