#झंडे#part_3 IIITM #OpenMIC#final_part#end_of_poetry#Record_voice#Nojotovoice
हर चौराहे पे चिल्लाने से, आज़ादी को ना याद रखो,
ऐसा ही कुछ है प्रेम अगर, तो दिल से इसका सम्मान करो,
ये इंकलाब कर्मों से हो, और सर तुम्हारा नाज़ों से हो,
और उठो सवेरे जब तुम तो, बस प्रेम बसा इस ज़हन में हो,
फ़िर तांड पर रखा झंडा भी तुमको शान से ऐसे देखेगा, #NojotoIIITM
दोस्तों,,,,,जीवन एक मधुवन है,,,
संघर्षों का,,,,, मुस्कानों का,
जीवन का हर एक पहलु बहुत महत्वपुर्ण है
"हम हमारी बर्बादियों पर रोते है जबकि उसे भी आप जश्न का रुप दीजिए ,,,,नया जीवन मिल जायेगा,,
जैसे,,हर फिक्र को धुँए में उडाता चला गया,
मैं जिदंगी का साथ निभाता चला गया
बर्बादियों का शोक मानना फिजुल था
मैं बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया,,,,यही मनोविज्ञान हमारे जीवन का हो तो मजा कई गुना हो जाता है,,,,,,,,
प्रिये तुम्हारी सुधी को मैंने ,
युँ ही अक्सर चुम लिया
तुम पर गीत लिखा फिर उसका
अक्षर अक्षर चुम लिया,,,,,कवि सिद्धार्थ देवल" की रचित कविता हर प्रेमियो की अंतकथा है,,,,,,,,यह अंत कथा ,,,,,,जो हर दिलो पर राज करती है,,,,,,,,मेरे आदर्श कवि को उन्ही की पंक्तियाँ समर्पित,,,, Ashish 9917374450 Vinay Jawa Deepak Sharma sachin mishra Kavita Gautam