White दिन-भर धूप हवाओं को भड़काती है सोच-समझकर शाम को आंधी आती है फूट-फूटकर उसकी ग़ज़लें रोती हैं उस कम्बख़्त का लहजा ही जज़्बाती है लोग समझते हैं तू अब भी मेरा है अब भी मुझमें तेरी ख़ुशबू आती है सूरज घर से करके वुज़ू निकलता है और आधी दुनिया मस्जिद बन जाती है गहन पड़े जो कभी, देखना दीवारें धरती से चौड़ी सूरज की छाती है एक कहानी उसके दम से ज़िन्दा है चांदनी पहले मेरे घर में आती है मेरे उसके रिश्ते में भी पड़ी दरार क्या पक्की लकड़ी भी दीमक खाती ©Deepbodhi #Sad_Status दोस्ती शायरी दोस्त शायरी शायरी वीडियो लव शायरी हिंदी में