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काश की एक रोज ऐशा होता वो अंजानी राहों में मुझे मि

काश की एक रोज ऐशा होता
वो अंजानी राहों में मुझे मिलता
वो मुझे देखता में उसे देखती
हाल के दिल बस आखो से बयां होता
वो सिमट कर मुझे गले लगता
और वक्त वहीँ पर बस ठहर सा जाता

©Lalita patni kothari # काश ऐशा होता,काश वैसा होता
काश की एक रोज ऐशा होता
वो अंजानी राहों में मुझे मिलता
वो मुझे देखता में उसे देखती
हाल के दिल बस आखो से बयां होता
वो सिमट कर मुझे गले लगता
और वक्त वहीँ पर बस ठहर सा जाता

©Lalita patni kothari # काश ऐशा होता,काश वैसा होता

# काश ऐशा होता,काश वैसा होता #शायरी