Nojoto: Largest Storytelling Platform

चलो जाओ जो जाते हो अब क्यों तुम मुस्काते हो नही थ

चलो जाओ जो  जाते हो
अब क्यों तुम मुस्काते हो
नही थे मेरे कभी भी तुम
क्यों दिल मेरा दुखाते हो

मैं   वृक्ष   अटल   ठहरा
तुम  तो  सूखे   पत्ते  हो
मौसम न है पतझड़ का
फिर भी छोड़ के जाते हो

एक दिन वो आयेगा
तुम लौट के आओगे
पर समय नही रुकता
पहले जैसा न पाओगे

मन दर्पण चटकाते हो
मुझें झूठा बताते हो
तुम्हे कदर नही मेरी
जग में हँसी कराते हो

मुँह मोड़ लिया तुमनें
तो लो मैं भी जाता हूँ
पर सुकूँ न पाओगे
सही बात बताता हूँ

©SHASHIKANT
  #Love #Shashikant_Verma