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भीड़ में चलिए एहतियात रहे, कोई अपना भी संग साथ रहे

भीड़ में चलिए एहतियात रहे,
कोई अपना भी संग साथ रहे,

हमने   देखे   हैं  परेशां  चेहरे,
हौसला है तो कुछ निजात रहे,

कोई महरूम न हो  शिक्षा से,
सबके हाथों कलम-दवात रहे,

चंद दिन के मुसाफ़िर हैं सारे,
हमारे बाद भी  कायनात रहे,

ख़ुशी भी आती है मेहमां जैसे,
ज़िन्दगी है तभी मुश्किलात रहे,

दूर से हो न तसल्ली दिल को,
कुछेक पल को मुलाक़ात रहे,

बहुत दिनों से है पतझड़ 'गुंजन',
बसंत आए तो न ये हालात रहे,
  --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #एहतियात रहे#
भीड़ में चलिए एहतियात रहे,
कोई अपना भी संग साथ रहे,

हमने   देखे   हैं  परेशां  चेहरे,
हौसला है तो कुछ निजात रहे,

कोई महरूम न हो  शिक्षा से,
सबके हाथों कलम-दवात रहे,

चंद दिन के मुसाफ़िर हैं सारे,
हमारे बाद भी  कायनात रहे,

ख़ुशी भी आती है मेहमां जैसे,
ज़िन्दगी है तभी मुश्किलात रहे,

दूर से हो न तसल्ली दिल को,
कुछेक पल को मुलाक़ात रहे,

बहुत दिनों से है पतझड़ 'गुंजन',
बसंत आए तो न ये हालात रहे,
  --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #एहतियात रहे#