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मंजिल कहां तेरी , किस राह पे तू । क्या क्षमता  तेर

मंजिल कहां तेरी , किस राह पे तू ।
क्या क्षमता  तेरी, क्या कर रहा है तू ।।

क्यो कैद ईस पिंजरे में है, पंछी है आसमान का तू ।
आ गया अब वक्त तेरा , थाम नयी रफतार तू ।।

देख घड़ी के कांटों को, वक्त नही गंवाने को ।
क्यो बैठा है फि़राक़ में, जा चीर दें आसमान तू  ।। Questions and thoughts that comes to mind when you realise u need to do more with ur life
#purposeoflife #जिंदगी
मंजिल कहां तेरी , किस राह पे तू ।
क्या क्षमता  तेरी, क्या कर रहा है तू ।।

क्यो कैद ईस पिंजरे में है, पंछी है आसमान का तू ।
आ गया अब वक्त तेरा , थाम नयी रफतार तू ।।

देख घड़ी के कांटों को, वक्त नही गंवाने को ।
क्यो बैठा है फि़राक़ में, जा चीर दें आसमान तू  ।। Questions and thoughts that comes to mind when you realise u need to do more with ur life
#purposeoflife #जिंदगी