ए वतन, मेरे वतन तेरी शान, न हो कम, तुझ पे सब, निसार है, ये मेरा तन, ये मेरा मन। तू शांति का, है अमन खिला - खिला सा, है चमन, तुझ पे सब आभार है, ये जमी और ये गगन। बन्दिशों की, थी बेड़ियां, उधड़ गई, थी चमडियां, रक्त की जब नदी बही, तब मिली आजादियां। लहराया जब, है तिरंगा, मन हो उठा, सबका चंगा, प्रेम और भाईचारे की, बह रही है, आपार गंगा। ए वतन, प्यारे वतन, तुझमें रहूं, मै मगन, आंच तुझ पे आने न दूं, है मुझे तेरी कसम। बलिदान की, हो कहानियां, खेत की, हो हरियालियां, प्रेम और भाईचारे की, शांति से गूंजे शहनाईयां। ए वतन, तू रहे आजाद, मै रहूं, या मेरे बाद, क्षण - क्षण में हर क्षण, तू रहें, यूं ही आबाद। मेरे मुल्क, प्यारे से वतन, मुझको है, तेरी कसम, आऊं तेरी ही गोद में, ये जनम, हर जनम। शुभम सैनी। #independenceday2020 #IndependenceDay #India #Freedom