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Shubham Saini

नहीं लिखता हूं तो कुछ नहीं लिखता और जब लिखता हूं तो सबके दिल की लिखता हूं।

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Shubham Saini

मजबूरी में पहन लें...

और फिर दें उसे उतार……

कुछ हैल्मेट सा हो गया है……

आजकल के लोगों का किरदार……।

©Shubham Saini #Love #Life #quetos #poem
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Shubham Saini

दूसरों से झूठ बोलने से पहले,

खुद से झूठ बोलना छोड़ो।

Shubham Saini #Life #Love #thought 

#allalone
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Shubham Saini

#Worldsmileday ज़माना सच में हमसे जल रहा था,

क्योंकि हम झूठी मुस्कान लेकर चल रहे थे।


Shubham Saini #Smile #Life #Love 
#WorldSmileDay
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Shubham Saini

पानी मेरा पानी की तरह होना भी,

मुझे बहुत ढह गया।

खाली बर्तन ज्यादा भरने में,

मैं खुद बहुत बह गया।

Shubham Saini #पानी #alone #Love #Life #Broken
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Shubham Saini

होकर के शर्मसार किसी को,

वापस जाना पड़ा है।

सुना है किसी फकीर के घर,

कोई राज घराने का गया था।


Shubham Saini #walkingalone
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Shubham Saini

समुंदर की इन लहरों से कह दो,

ज़रा खमोश रहे।

मैं भीगा हूं लेकिन डूबा नहीं हूं।


Shubham Saini #allalone

17 Love

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Shubham Saini

एक रोज़ तो कुछ यूं हुआ,

जो न होना था वो यूं हुआ।

एक खबर आई छोड़कर जाने की,

अब तक जो हुआ वो क्यूं हुआ?


Shubham Saini #poem #Poetry #Love #Life #Broken 
#alone
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Shubham Saini

मैं बैठता था हर रोज़,

किसी समुंदर के किनारे।

एक रोज़ कुछ यूं हुआ,

कि लहरें किनारे तक आई,

और मुझे भिगा कर चली गई।

Shubham Saini #Love #Life #poem #Broken 
#allalone
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Shubham Saini

अंदर के छिपे इंसान को लिख दूं,
या बाहर वाले शैतान को लिख दूं।
खुद को खुद में बेईमान लिख दूं,
या खुद में छिपे ईमान को लिख दूं।


किस पर लिखूं और क्या लिख दूं?
तुम जो बताओ वो मैं लिख लिख दूं।

Shubham Saini #Love #Life #poem #Poetry #Broken
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Shubham Saini

प्रिय डायरी अंदर के हालात लिख दूं,
के बाहर के जज़्बात लिख दूं।
दिन के सफेद उजाले को लिख दूं,
या काली अंधियारी रात लिख दूं।

गलत को सही लिख दूं,
या सही को गलत लिख दूं।
छूट चुकी कोई तलब लिख दूं,
या न छूटने वाली तलब लिख दूं।

किस पर लिखूं और क्या लिख दूं?
तुम जो बताओ वो मैं लिख दूं।

Shubham Saini #Priy_Diary #poem #Poetry #Love #Life #Broken
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