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"भारत छोड़ो" आंदोलन पर एक कविता जंगल का हर शजर बोल

"भारत छोड़ो" आंदोलन पर एक कविता

जंगल का हर शजर बोला- भारत छोड़ो,
गाँव और शहर बोला- भारत छोड़ो,
यूँ गूंज उठा था आजादी का नारा,
भारत का घर घर बोला- भारत छोड़ो !

नदियों संग गागर बोला- भारत छोड़ा,
धरा संग सरोवर बोला- भारत छोड़ो,
यूँ चल पड़ी थी आजादी की धारा,
ये अथाह सागर बोला- भारत छोड़ा !

महात्मा का स्वर बोला- भारत छोड़ो,
पंछियों का सुर बोला- भारत छोड़ो,
यूँ बोल उठी थी भव्य भारत की माटी,
ईश्वर संग अम्बर बोला- भारत छोड़ो !

©Anand Dadhich #quitindiamovement #भारत_छोड़ो_आंदोलन #hindipoem #kaviananddadhich #poetananddadhich #PoetryonIndia
"भारत छोड़ो" आंदोलन पर एक कविता

जंगल का हर शजर बोला- भारत छोड़ो,
गाँव और शहर बोला- भारत छोड़ो,
यूँ गूंज उठा था आजादी का नारा,
भारत का घर घर बोला- भारत छोड़ो !

नदियों संग गागर बोला- भारत छोड़ा,
धरा संग सरोवर बोला- भारत छोड़ो,
यूँ चल पड़ी थी आजादी की धारा,
ये अथाह सागर बोला- भारत छोड़ा !

महात्मा का स्वर बोला- भारत छोड़ो,
पंछियों का सुर बोला- भारत छोड़ो,
यूँ बोल उठी थी भव्य भारत की माटी,
ईश्वर संग अम्बर बोला- भारत छोड़ो !

©Anand Dadhich #quitindiamovement #भारत_छोड़ो_आंदोलन #hindipoem #kaviananddadhich #poetananddadhich #PoetryonIndia