चले तो थे अलग-अलग राहों में, काश हम मिल जाते, दिल की बगिया में, हमारी चाहतों के फूल खिल जाते, कुछ नहीं बस, एक मुलाक़ात की ही तो बात थी, शिकवे गिले दूर होते, गिरने से पहले हम संभल जाते। 🌝प्रतियोगिता-45 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"एक मुलाक़ात"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I