सुबह की चुस्कियों से गुजरता दिन तुम्हारा डूबते सूरज सी तुम्हारी हर शाम हैं गुज़रती हो जिन - जिन गलियों से तुम सब क़ुसूर है , तुम्हारी खूबशूरती का बिन मतलब में ये गलियां बदनाम हैं न तेरी चूड़ी , न तेरी पाज़ेब कुछ नही कीमत है इसकी, तेरी कलाई में महंगी कलाई में इनका क्या दाम है नशा था नशा है देखा करो खुद को आईने में आज कल मुझे कहा आराम है होश में मैं हूँ कहाँ ? होश में तुम हो लाओ यहाँ सब तेरी नशीली आंखों का काम है बिन पिय जो चढ़ जाय , तेरा हुस्न वो जाम है ✍️रिंकी सुबह की चुस्कियों से गुजरता दिन तुम्हारा डूबते सूरज सी तुम्हारी हर शाम हैं गुज़रती हो जिन - जिन गलियों से तुम सब क़ुसूर है , तुम्हारी खूबशूरती का बिन मतलब में ये गलियां बदनाम हैं न तेरी चूड़ी , न तेरी पाज़ेब कुछ नही कीमत है इसकी, तेरी कलाई में महंगी कलाई में इनका क्या दाम है