।। घर।। " तिनका तिनका जोड़ के, घर बने हर इच्छा को तोड़ के , सुख-दु:ख सोचना छोड़ दे प्यार के ईट जोड़ दे।। घूमती सीढ़ियां जज्बातों की होड़ हैं, ऊपर पहुंचा कर आसमानों से जोड़ दें।। विश्वास का आंगन बना, प्यार से सीच रिश्तो का जहां।। मुंडेर पर लगा पौधा घना, जो हो तेरे स्वाभिमान सा तना।। हंसी खुशी की किलकारी हो , हर कमरे में दिवाली हो।। ऐसा सुंदर जहां बना सपनों सा सुंदर घर बना।। " ।। कंचन यादव।। #घर🏡